Friday, November 10, 2017

गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 : एक ज्योतिषीय विश्लेषण

Who wil win the gujarat polls , astrological analysis



गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 :  एक ज्योतिषीय विश्लेषण 
(Gujarat polls of legislative assembly 2017: An astrological analysis)
     गुजरात विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है बड़े बड़े दिग्गज चुनाव में अपना भविष्य दाव पर लगाने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रमोदी के लिए गृह राज्य में जीतने का भारी दबाव है मानो प्रधानमंत्री के लिए चुनाव हो रहा हो , शायद इसिलए चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की भी कवायद चल रही है। मैदान में युवा शक्ति भी उतर चुकी है और प्रमुख नाम है पाटीदार आंदोलन से उभरे श्री हार्दिकपटेल जो चुनाव बहुत हद तक प्रभावित कर सकने में समर्थ भी हैं। इन सब के चलते एक भारी जिज्ञासा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में कौन विजयी होगा? राजनीति के पंडित भी अनुमान ही लगा सकते है , क्योंकि जनता जनार्दन के हाथों ही विजय पराजय का निर्णय होने वाला है। हम भी यह ज्योतिषीय विश्लेषण प्रस्तुत करते है जिसमे तीन मुख्य राजनेताओ की जन्मपत्रिका का विवेचन करने का प्रयास किया है
      यहां यह बात स्पष्ट कर देनी चाहिए कि प्रस्तुत लेख एक ज्योतिषीय विश्लेषण है न कि कोई भविष्यवाणी। अतः कोई दावा लेखक की ओर से नही है और यदि विश्लेषण से लेकर निष्कर्ष तक मे होने वाली त्रुटि को लेकर लेखक ही उत्तरदायी है ज्योतिष विद्या नही। ज्योतिष विद्या त्रुटिपूर्ण नही हो सकती । प्रस्तुत है विश्लेषण ।

Gujrat chunav bhavishyvani

    


    सर्वप्रथम हम श्री नरेन्द्रमोदी की जन्मपत्री का विश्लेषण करते हैं। श्री मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं एवं सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं। आईये देखते हैं कि उनके जन्मकुंडली के ग्रहों की स्थिति ने उन्हें इस राजनीति का चतुर खिलाडी कैसे बनाया।
      श्री मोदी का जन्म वृश्चिक लग्न में हुआ है, और लग्न ही में स्वराशि के बली मंगल ने यहाँ एक पंचमहापुरुष योग में से एक योग 'रूचक योग' का निर्माण तो किया ही है साथ ही भाग्येश चन्द्रमा के नीचत्व को भी भंग कर दिया है इस तरह से जन्मलग्न और चन्द्रलग्न दोनो ही काफी बलशाली हो गए हैं। रूचक योग के चलते श्री मोदी निडर, साहसी और लोकप्रिय हुए साथ ही विद्वान और कुशल वक्ता और शत्रुओं पर विजय पा सके। यहां चन्द्रमा का नीच भंग होने और केमद्रुम योग के फलित न होने से चन्द्रमा मोदी की लिए विशेष फलदायक सिद्ध हुआ है। ज्ञातव्य है कि चन्द्रमा की महादशा में ही नरेन्द्र मोदी ने  लोकसभा में प्रभुत्व प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री की कुंडली मे पाशयोग, गजकेसरी योग, पर्वत योग, काहल योग, कुसुमयोग, कल्पद्रुमयोग जैसे विभिन्न बलशाली योगों की सृष्टि हो रही है। श्री मोदीकी जन्मकुंडली काफी मजबूत है।
     वर्तमान में प्रधानमंत्री के भाग्येश चंद्रमा की महादशा में बुध का अंतर चल रहा है जो कि एक अस्त ग्रह है और बुधादित्य का निर्माण हो रहा है और बुध प्रथम दृष्टया मूलत्रिकोण में भी दिखाई पड़ते हैं बुध दशानाथ के अतिमित्र भी हैं तो कहा जा सकता है कि दशा शुभ रहने वाली है किन्तु  बुध अष्टमेश और एकादशेश भी है। त्रिक और त्रिषडाय दोनो का स्वामित्व होना और बुध का परम पापी होना और मूलत्रिकोण पूर्ण अंशो में नही बनना शायद शुभ फल न दे। यहाँ बुध वक्री है  और 30 सितंबर 2017 से अंतर्दशा प्रारम्भ हुई है ।वक्री बुध जो भी फल देंगे तीव्र ही होगा साथ ही राहु की दृष्टि बुध पर होना सारे फल में अकस्मात का भी पुट देती है। मोदी के राहु प्रबल हैं और चुनाव के विषय मे 60% अनुमान सफलता के होंगे।
      
       अब दृष्टि डालते हैं श्री राहुलगांधी जी के जन्मपत्र पर।
Gujarat polls 2017 astrological forecast

Gujarat chunav kaun jeetega?

      यहाँ श्री राहुलगांधी का जन्म मकर लग्न और वृश्चिक राशि के चन्द्रमा में हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी की तरह गोचरफल राहुलगांधी का भी है। यहाँ लगता है कि श्री गांधी का पदोन्नत होना तय है, वे उपाध्यक्ष से अध्यक्ष तो बन ही जाएंगे। परंतु गुजरात विधानसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में देखगे तो ग्रह दशा कुछ उलझाती हुई नज़र आ रही है।
     श्री गांधी की कुंडली मे लग्नेश शनि नीचस्थ हुए हैं और चन्द्रमा भी नीच हुए है।यह स्तिथि राहुल गांधी को सही समय पर सही निर्णय लेने में अक्षम बनाती है और बिना किसी की सहायता के श्री राहुल गांधी सोच भी नही पाते है इसका फायदा पार्टी के कई राजनेता निजी स्वार्थ में उठाते रहे हैं और यही कारण है कि श्री गांधी राजनीतिक रूप से सफल नही हो पा रहे। यहा श्री राहुलगांधी के वर्तमान में चंद्र महादशा में शनि का अंतर और बुध का प्रत्यंतर चल रहा है। यद्यपि बुध भाग्येश है परंतु साथ ही षष्टेश भी है और महादशानाथ चन्द्रमा जो नीचस्थ है कि दशा में नीचस्थ शनि का अंतर है। यहाँ शनि लग्नेश होने से शुभ है और प्रत्यंतर में बुध चल रहा है जो त्रिकोण में स्थित है। समझने की बात यह है कि प्रत्यंतर का बुध अन्तर्दशानाथ से द्वितीयस्थ है और महादशानाथ से सप्तमस्थ है कुछ कुछ ऐसा परिलक्षित हो रहा है कि दशा पूर्ण सफलता नही देने वाली क्योंकि दायेश से उप दायेश का द्वितीयस्थ और सप्तमस्थ होना अशुभ होता है और मारक के समान पीड़ादायक होता है। परंतु फिर भी निजी जीवन मे कोई और पीड़ा होने का अनुमान हो और राजनीति में सफलता मिल जाये ऐसा संभव है। देखे कैसे?
     श्री गांधी के जन्म पत्र में चतुर्थ भाव मे स्थित शनि की दशा का होना उनकी माता के स्वास्थ्य को लेकर कुछ परेशानी ला सकता है। परंतु चुनाव के लिए कुछ और कहने से पहले हमे एक और पक्ष का विश्लेषण करना होगा
            
                 
       अब गुजरात की राजनीति के नए खिलाड़ी जो चुनाव में महत्वपूर्ण स्थान रखते है कि बात करते है जो पटेल समुदाय और युवावर्ग में खासे लोकप्रिय हैं।
   
Gujarat chunav me kya patel vote ekjut ho payenge?
     
Gujarat money in election

      श्री हार्दिकपटेल सिंह लग्न में जन्मे हैं और अग्नितत्व का ग्रह जो भाग्येश और सुखेश होकर लग्न में बैठ कर चतुर्थ, सप्तम और अष्टम को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है। शुक्र स्वराशि के होकर पंचमहापुरुष योग में से एक मालव्य योग की सृष्टि कर रहे हैं और एक अन्य पंचमहापुरुष योग का निर्माण शनि देव  शश योग के रूप में सप्तम भाव मे कुम्भ राशि मे कर रहे है दोनों योग प्रसिद्ध राजयोग हैं जो सफलता और प्रसिद्धि दायक योग हैं। चतुर्थ भाव मे राहु का होना श्री हार्दिकपटेल को निडर बनाता है और अमावस्या का चंद्रमा अस्त होकर भी विपरीत राजयोग बनाता है। एकादश भाव मे स्वराशि का बुध जो धनेश होकर पंचम को दृष्टिपात करता है और पंचमेश गुरु का धनभाव में होना भी शुभ है।
      प्रस्तुत कुंडली मे चन्द्रमा अस्त है बुध भी अस्त है साथ ही वक्री भी है जो श्री पटेल को निजी जीवन मे बहुत परेशानियां दे सकता है मन का स्वामी चन्द्रमा का कमजोर होना श्री पटेल को निर्णय लेने में कुछ असहाय बना सकता है अभी कुंडली पर ज्यादा प्रभाव मंगल और शनि का है परंतु चन्द्रमा कमजोर कड़ी साबित हो सकता है। शनि भी भाग्य भवन और चतुर्थ भाव को वक्र दृष्टि से देख रहे है जो कुछ कुछ राजनीति में श्री पटेल को धकेल रहे है । राहु चतुर्थ में नीच का प्रभाव लिए हुए है अतः श्री पटेल का राजनीतिक जीवन निम्न स्तर के मुद्दों जैसे आरक्षण आदि पर ही अवलंबित रहने वाला है कोई भारी राजनीति शायद वे न कर पाएं। परन्तु वर्तमान में हम महादशा को देखें तो पाते है कि नीचस्थ केतु की महादशा चल रही है लेकिन नीच भंग हो चुका है अतः महादशा शुभ है अभी अंतर्दशा चन्द्रमा की है परन्तु परिणाम आने तक 18 दिसम्बर तक अन्तर्दशा मंगल की आ जायेगी जो शुभ परिणाम ही लाएगी हार्दिक के ग्रह अनुकूलहैं और वो खुद चुनाव लड़े तो जीत भी जाएंगे।
   अब निष्कर्ष के तौर पर क्या कहा जा सकता है? देखिए तीनो नेताओ के जन्म पत्र का विश्लेषण करने के पश्चात ऐसा लगता है कि हार्दिकपटेल जिस तरफ होंगे विजयश्री वहीं होगी। परंतु कांग्रेस पार्टी के परिणाम सकारात्मक होंगे इतना नही कहा जा सकता, तो फिर ऐसा कहा जा सकता है कि श्री पटेल अपने स्वतंत्र उम्मीदवार मैदान में उतार दें और चुनाव पश्चात किंगमेकर की भूमिका में आ जाये। या फिर हार्दिकपटेल के विधायक विपक्ष में भी रहे तो भी बनने वाली सरकार पर हार्दिकपटेल का प्रभाव रहने वाला है और ऐसा अनुमान है कि श्री पटेल जरूर कुछ रणनीतिक निर्णय ले रहे हैं और दोनों प्रमुख पार्टियों को अपनी शर्त पर मजबूर कर ही लेंगे। यदि चुनाव परिणाम इस ज्योतिषीय विश्लेषण से 5%+/- रहते हैं तो भाजपा की ही सरकार बनने वाली है। परंतु पटेल समुदाय से चुनाव पूर्व कोइ न कोई समझौता अंदर खाते करना होगा।

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